जय-जय संकर जय त्रिपुरारि ~ विद्यापति

जय-जय संकर जय त्रिपुरारि। जय अध पुरुष जयति अध नारि॥ आध धवल तनु आधा गोरा। आध सहज कुच आध कटोरा॥ आध हड़माल आध गजमोति। आध चानन सोह आध विभूति॥ आध चेतन मति आधा भोरा। आध पटोर आध मुँजडोरा॥ आध जोग आध भोग बिलासा। आध पिधान आध दिग-बासा॥ आध चान आध सिंदूर सोभा। आध बिरूप आध… Continue reading जय-जय संकर जय त्रिपुरारि ~ विद्यापति

Exit mobile version