11.2 आदर्शवाद ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
11.2 आदर्शवाद ‘काल्पनिक धारणाओंका प्रयोग किसी-न-किसी प्रकारकी वस्तुओं अथवा विचारपद्धतियोंकी सुव्यस्थित दृष्टियोंके निरूपणमें ही किया…
11. मार्क्स और ज्ञान – 11.1 मन और शरीर ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
11. मार्क्स और ज्ञान (मार्क्सीय मन या ज्ञानपर विचार) मोरिस कौर्न फोर्थकी ‘दि थ्योरी ऑफ…
10.11 द्वन्द्वन्याय और विकास ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
10.11 द्वन्द्वन्याय और विकास मार्क्सवादी कहते हैं कि ‘जगत् परिवर्तनशील है। विकास परिवर्तनका ही एक…
10.10 व्यवहार और तथ्य ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
10.10 व्यवहार और तथ्य मार्क्सवादी कहते हैं कि ‘भूत पहले या मानस, यह प्रश्न एक…
10.7 क्या मनुष्यकी इच्छाशक्ति स्वाधीन है? ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
10.7 क्या मनुष्यकी इच्छाशक्ति स्वाधीन है? ‘मनुष्यकी इच्छा स्वतन्त्र है या नहीं’, यह दार्शनिक क्षेत्रमें…
10.5 व्यभिचारका उन्मूलन ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
10.5 व्यभिचारका उन्मूलन मार्क्स लिखता है कि ‘हम स्त्रीको पुरुषकी सम्पत्ति बनाने और धर्मके भयसे…
धर्मशास्त्र
नाम अपराध का परिचय
भगवन्नाम के प्रति कई प्रकार के अपराध (नाम अपराध) होते हैं। इन सभी अपराधों का…
राजधर्म
No post found!
3.21 संघवाद ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
3.21 संघवाद १९वीं सदीके अन्तमें फ्रांसीसी संघवाद भी मार्क्सवाद एवं अराजकतावादके आधापर ही बना है।…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १३
गोत्रों का वेदादि विवरण अगस्त्य : वेद यजुर्वेद, उपवेद धनुर्वेद, ३ प्रवर वाशिष्ठ, ऐन्द्रप्रमद, आभरद्वसव्य,…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ५
सरयूपारीण ब्राह्मण-भेद सरयूपारीण ब्राह्मण वर्ग में शुक्ल, त्रिपाठी, मिश्र, पाण्डेय, पाठक, उपाध्याय, चतुर्वेदी और ओझा…
3.11 जनवादी राजसत्ता ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
3.11 जनवादी राजसत्ता आधुनिक जनवादी नागरिक जनता निर्वाचनद्वारा ही नहीं, किंतु प्रचारद्वारा भी राज्यकी नीतिपर…
6.9 श्रेणीभेदका आधार ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
6.9 श्रेणीभेदका आधार मार्क्स कहता है—‘जैसे पशुओं, वनस्पतियों, धातुओंमें श्रेणीभेद है, वैसे मनुष्योंमें भी श्रेणीभेद…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १२
प्रवर प्रत्येक ब्राह्मण का एक गोत्र होता है। वह वंश सूचक होता है कि ब्राह्मण…
7.12 सर्वहारा और क्रान्ति ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
7.12 सर्वहारा और क्रान्ति मार्क्सवादियोंके अनुसार ‘साधनहीन श्रेणी अपनी परिस्थितियोंके कारण मुख्यत: तीन भागोंमें बँटी…
6. वर्ग-संघर्ष – 6.1 सापेक्ष और शाश्वत नियम ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
6. वर्ग-संघर्ष ‘वर्गसंघर्ष’ मार्क्सवादका एक मूल सिद्धान्त है। ऐतिहासिक विवेचनसे वह इसी निष्कर्षपर पहुँचता है…
6.3 शाश्वत नियम ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
6.3 शाश्वत नियम पर सिद्धान्तत: राज्यशक्तिको किसी भी धार्मिक, आध्यात्मिक नियन्त्रणमें ही रहना उचित है,…
11.2 आदर्शवाद ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
11.2 आदर्शवाद ‘काल्पनिक धारणाओंका प्रयोग किसी-न-किसी प्रकारकी वस्तुओं अथवा विचारपद्धतियोंकी सुव्यस्थित दृष्टियोंके निरूपणमें ही किया…