सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १४
गोत्रों के वंशज ब्राह्मणों का विस्तार जैसा कि अध्याय ९ में बताया गया है कि…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १३
गोत्रों का वेदादि विवरण अगस्त्य : वेद यजुर्वेद, उपवेद धनुर्वेद, ३ प्रवर वाशिष्ठ, ऐन्द्रप्रमद, आभरद्वसव्य,…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १२
प्रवर प्रत्येक ब्राह्मण का एक गोत्र होता है। वह वंश सूचक होता है कि ब्राह्मण…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ११
गोत्रों में प्रमुख ब्राह्मण वंश अगस्त्य – पाण्डेय, त्रिपाठी उपमन्यु – ओझा, पाठक कण्व –…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १०
गोत्र ‘गोत्र’ शब्द के कई अर्थ होते हैं। किसी व्यक्ति के गोत्र से तात्पर्य उस…
शिव मानस पूजा ~ श्रीशङ्कराचार्यस्य
रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरंनानारत्नविभूषितं मृगमदामोदाङ्कितं चन्दनम् ।जातीचम्पकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथादीपं देव दयानिधे…
धर्मशास्त्र
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राजधर्म
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सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ६
सरयूपारीण ब्राह्मण वंश में परिवर्तन किसी दूसरे गोत्र के ब्राह्मण की गद्दी (राशि) पर जाने…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १३
गोत्रों का वेदादि विवरण अगस्त्य : वेद यजुर्वेद, उपवेद धनुर्वेद, ३ प्रवर वाशिष्ठ, ऐन्द्रप्रमद, आभरद्वसव्य,…
आज नाथ एक बर्त्त माँहि सुख लागत है ~ विद्यापति
आज नाथ एक बर्त्त माँहि सुख लागत हे। तोहें सिव धरि नट वेष कि डमरू…
शिवपादादिकेशान्तवर्णनस्तोत्रम्
।।श्रीः।। ।।शिवपादादिकेशान्तवर्णनस्तोत्रम्।।कल्याणं नो विधत्तां कटकतटलसत्कल्पवाटीनिकुञ्ज क्रीडासंसक्तविद्याधरनिकरवधूगीतरुद्रापदानः। तारैर्हेरम्बनादैस्तरलितनिनदत्तारकारातिकेकीकैलासः शर्वनिर्वृत्यभिजनकपदः सर्वदा पर्वतेन्द्रः।।1।। यस्य प्राहुः स्वरूपं सकलदिविषदां सारसर्वस्वयोगं…
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ८
सरयूपारीण ब्राह्मण की विशेषताएँ सरयूपारीण ब्राहणों में तीन विशेषताएँ पाई जाती हैं- (१) पंक्ति, (२)…
शिवापराधक्षमापणस्तोत्रम्
।।श्रीः।। ।।शिवापराधक्षमापणस्तोत्रम्।।आदौ कर्म प्रसङ्गात्कलयति कलुषं मातृकुक्षौ स्थितं मां विण्मूत्रामेध्यमध्ये क्वथयति नितरां जाठरो जातवेदाः। यद्यद्वै तत्र…
उमामहेश्वरस्तोत्रम्
।।श्रीः।। ।।उमामहेश्वरस्तोत्रम्।।नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां परस्पराश्िलष्टवपुर्धराभ्यां नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यांनमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम्।।1।। नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम्। नारायणेनार्चितपादुकाभ्यांनमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम्।।2।।…
जय जय भैरव असुर-भयाउनि ~ विद्यापति
जय जय भैरव असुर-भयाउनि, पसुपति-भामिनि माया। सहज सुमति बर दिअहे गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया॥…
शिवपञ्चाक्षरनक्षत्रमालास्तोत्रम्
।।श्रीः।। ।।शिवपञ्चाक्षरनक्षत्रमालास्तोत्रम्।।श्रीमदात्मने गुणैकसिन्धवे नमः शिवाय धामलेशधूतकोकबन्धवे नमः शिवाय। नामशेषितानमद्भवान्धवे नमः शिवायपामरेतरप्रधानबन्धवे नमः शिवाय।।1।। कालभीतविप्रबालपाल ते…
शिव मानस पूजा ~ श्रीशङ्कराचार्यस्य
रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरंनानारत्नविभूषितं मृगमदामोदाङ्कितं चन्दनम् ।जातीचम्पकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथादीपं देव दयानिधे…