इतिहासकार और धर्मग्रन्थ दोनों यह बतलाते हैं कि समाज में ‘ब्राह्मण वर्ण’ सर्वमान्य था और सर्वश्रेष्ठ माना जाता था। अतः अब ‘ब्राह्मण’ शब्द पर विचार करना चाहिए। बंगला विश्वकोष के हिन्दी संस्करण हिन्दी विश्वकोष में ‘ब्राह्मण’ शब्द की व्युत्पत्ति दी गई है।१ उसमें लिखा है कि ब्रह्म अर्थात् ब्रह्मा या विप्र की सन्तान को, ब्रह्म… Continue reading सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – २
Month: November 2021
सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १
जातियों की उत्पत्ति आजकल हिन्दू जाति में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र ये चार वर्ण पाये जाते हैं। इन सबके अनेक भेद-उपभेद हो गये हैं। ‘सरयूपारीण ब्राह्मण’ ब्राह्मण वर्ण का एक भेद है। इस पुस्तक में इसी ‘सरयूपारीण ब्राह्मण’ वर्ण के विषय में विचार किया गया है। यह वर्ग मनुष्यों में सर्वश्रेष्ठ आर्य जाति का… Continue reading सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १