10.9 काण्टका ज्ञान-सिद्धान्त ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

10.9 काण्टका ज्ञान-सिद्धान्त ‘काण्ट इससे सहमत है कि हमारा ज्ञान अनुभवसे आरम्भ होता है और इस अनुभवकी प्रारम्भिक बात है—बाहरी वस्तुओंका अस्तित्व। वह केवल इस बातसे इनकार करता है कि यहीं इसका अन्त होता है; क्योंकि हमें ऐसी चीजोंका ज्ञान है, जो अनुभवसे परे हैं। वह इसको मान लेता है कि शेषोक्त प्रकारका ज्ञान पूर्वोक्त… Continue reading 10.9 काण्टका ज्ञान-सिद्धान्त ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

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