4.3 जातिविधान ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

4.3 जातिविधान इसी तरह विकासवादी जातिविभाग-शास्त्रके अनुसार साधर्म्य-वैधर्म्यके अनुसार प्राणिवर्गका वर्गीकरण पृष्ठवंशधारी और पृष्ठवंशविहीनोंके भेदसे करते हैं। जबसे रक्तकी परीक्षाका सिलसिला जारी हुआ, तबसे विकासवादियोंका वर्ग-विन्यास गलत सिद्ध हो गया। अबतक लोग ‘गिनी फाउल’ को मुर्गीकी किस्मका समझते थे। पर अब रक्तकी परीक्षासे वह शुतुरमुर्गकी जातिका मालूम होता है। इसी तरह ‘विकासवाद’ के लेखकने भालूको […]

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