8.3 भौतिकवादी व्याख्या ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
8.3 भौतिकवादी व्याख्या कहा जाता है कि हीगेलके ऐतिहासिक आदर्शवादके मुकाबलेमें ही मार्क्सने अपनी प्रणालीका नाम ‘ऐतिहासिक भौतिकवाद’ रखा था। इस प्रणालीद्वारा मार्क्स विभिन्न परिवर्तनों, क्रान्तियों एवं मानसिक, सामाजिक घटनाओंको उत्पन्न करनेवाले मूलस्रोतोंका पता लगाना चाहता था, इसलिये इतिहास-संचालन करनेवाले नियमोंका उसने पता लगाया। उसका कहना था—‘मनुष्योंके विवेक एवं विचारोंमें परिवर्तन करनेवाली तथा विभिन्न सामाजिक […]
8.3 भौतिकवादी व्याख्या ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज Read More »