दक्षिण दिशा में चित्रकूट पर्वत के समीप परम पावन कामद नाम का एक वन था। ब्रह्माजी के मानसपुत्र महर्षि अत्रि अपनी परम पतिव्रता पत्नी अनसूया के साथ उसी वन में निवास करते हुए भगवान् महेश्वर की आराधना में अपने समय का सदुपयोग कर रहे थे। एक बार ऐसा हुआ कि सौ वर्षों तक बिलकुल ही… Continue reading महर्षि अत्रि एवं अनसूया की शिवोपासना