7.19 सामाजिक संकट ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
7.19 सामाजिक संकट जो कहा जाता है कि ‘सम्पूर्ण उत्पादन-साधनों या मुनाफा कमानेके साधनोंका समाजीकरण हो जानेसे कोई वस्तु मुनाफाके लिये कमायी ही न जायगी, उपयोगके लिये आवश्यकताके अनुसार ही सब वस्तुओंका उत्पादन होगा, अतएव क्रय-शक्तिके घटने और बाजारमें माल न खपत होनेका प्रश्न ही नहीं उठेगा। पूँजीवादमें कल-कारखाने व्यक्तिगत होते हैं, अत: पूँजीपतिके सामने […]
7.19 सामाजिक संकट ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज Read More »