9.15 मार्क्स और धर्म ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

9.15 मार्क्स और धर्म भौतिकवादियोंका कहना है कि ‘सभ्य मनुष्यका विश्वास है कि आध्यात्मिक शक्ति सदा मंगलमय है, लेकिन असभ्य मनुष्यके लिये यह शक्ति निष्ठुर है, इसलिये सदा ही उसको विपत्तिमें डालती रहती है। पत्थर जब गिरकर आदमीको घायल करता है, अचानक पेड़की डाल टूट जाती है, तब यह सब प्रकारके भूतों या पेड़के भूतकी… Continue reading 9.15 मार्क्स और धर्म ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

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