9.10 पाप-पुण्य और शोषण ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
9.10 पाप-पुण्य और शोषण मार्क्सवादी कहते हैं कि ‘प्रबल मनुष्य दुर्बल मनुष्योंको अपनी गुलामीमें जकड़े रखनेके लिये ही अपनी शक्तियोंका प्रयोग करता था और तदर्थ ही उसने अनेक सिद्धान्त बनाये। बहुतोंने निर्बलोंको सन्तोषका पाठ पढ़ाया और साधन-सम्पन्नोंको भी दया, सहानुभूति एवं त्यागका उपदेश किया; इस जीवनमें एवं मृत्युके बाद दूसरे जीवनमें सुखादि लानेका विश्वास दिलाया। […]
9.10 पाप-पुण्य और शोषण ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज Read More »