7.13 पूँजीवाद और कृषि कृषिके सम्बन्धमें मार्क्सवादियोंका कहना है कि उद्योग-धन्धोंमें पूँजीवादी ढंगपर संगठित हो जानेसे पहले भी खेती और खेतीसे सम्बन्ध रखनेवाले कारोबार पशुपालन, फलोंको उत्पन्न करना आदि जारी थे और आजतक वे सब काम कहीं उसी रूपमें और कहीं परिवर्तित रूपमें चले जा रहे हैं। ‘पूँजीवादका पहला प्रभाव खेतीपर यह पड़ा कि उद्योग-धन्धोंके… Continue reading 7.13 पूँजीवाद और कृषि ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज