11.13 मूल, वस्तु या चेतना? ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

11.13 मूल, वस्तु या चेतना? ‘मूल, भूत है या चेतना?’ इस प्रश्नके उत्तरमें आधुनिक वैज्ञानिक एडिंगटन भी कहते हैं—‘खोजते हुए अन्तमें जहाँ पहुँचा, वहाँ देखता हूँ, मनकी छायामात्र है।’ वैज्ञानिक जोन्स गणितशास्त्रके पण्डित हैं। उनका कथन है—‘अन्तमें देखता हूँ, विज्ञानकी ही विजय है। विश्वका मूलाधार, ईश्वर एक अंकशास्त्रवित् है और यह विश्व उसीके मस्तिष्कका एक… Continue reading 11.13 मूल, वस्तु या चेतना? ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

Exit mobile version