1.3 अन्य पाश्चात्य-दर्शन ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

1.3 अन्य पाश्चात्य-दर्शन रोजेनिलस आदि दार्शनिक धर्मविरोधी थे। रोजर बेकन इत्यादिने विचार-स्वातन्त्र्यमें धर्मको कुछ नहीं गिना। धर्मके विषयमें यूरोपमें उस समय सुधारकी भावना उद‍्भूत हुई तथापि वे सुधारक भी संकुचित वृत्तिके थे। कैलविनने सुधारक होते हुए भी ‘रक्तसंचालन’ के तथ्यके आविष्कारमें लगे हुए सर्विटसको जीवित ही जलवा दिया था। बेकनका कहना है कि ‘सर्वत्र श्रेष्ठ… Continue reading 1.3 अन्य पाश्चात्य-दर्शन ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

Exit mobile version