3.22 बहुलवाद इसी प्रकार ब्रिटेनमें ही एक सत्तावादका विरोधी बहुलवाद दर्शन प्रकट हुआ। एक सत्तावाद एकात्मव्यवस्थाका समर्थक था। बहुलवादके अनुसार व्यक्ति उसकी स्वतन्त्रता उसके संघोंका समर्थक है। लॉस्की मुख्यरूपसे इस दर्शनका वेत्ता था। व्यक्ति अपने अनेक ध्येयोंकी पूर्तिके लिये अनेक संघ बनाता है। राज्यद्वारा यह काम पूरा नहीं होता। उसके अनुसार कोई भी संस्था ‘मेरे… Continue reading 3.22 बहुलवाद ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज