8.9 इतिहासका वर्ण्य-विषय ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

8.9 इतिहासका वर्ण्य-विषय मार्क्सवादी कहते हैं कि ‘राजाओं, महाराजाओं, वीरपुरुषोंका वर्णन करना इतिहासका लक्ष्य न होकर समष्टि जनताकी स्वाभाविक जीवनस्थिति, उत्पादन-साधन और उनके परस्पर सम्बन्ध तथा उनके परिणामोंका निरूपण ही इतिहासका मुख्य विषय होना चाहिये।’ तदनुसार ही मार्क्सवादी प्राथमिक वर्गहीन समाज, फिर मालिक और गुलाम, फिर सामन्त एवं किसान-गुलाम, फिर पूँजीपति और मजदूर, फिर मजदूर… Continue reading 8.9 इतिहासका वर्ण्य-विषय ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

Exit mobile version