2.2 प्लेटो (अफलातून) ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

2.2 प्लेटो (अफलातून) प्लेटोके दर्शनमें दो पक्ष हैं—आदर्श तथा वास्तविक। अपने समयके स्वरूप अध्ययन करनेके बाद वह इस निष्कर्षपर पहुँचा कि ‘लोग पतनशील हैं।’ उसने एक आदर्श राज्यका चित्रण ‘रिपब्लिक’ नामक ग्रन्थमें किया, किंतु वह अमानवीय हो गया। इसके अनुसार इस आदर्शके निकट जितना ही पहुँचा जायगा, उतना ही कल्याण होगा। इस प्रकार वह आदर्शवादका… Continue reading 2.2 प्लेटो (अफलातून) ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

Exit mobile version