3.25 अराजकतावाद मार्क्सवादियोंसे भी बढ़े-चढ़े अराजकतावादी हैं। इसके प्रवर्तक माइकेल बाकुनिन (१८१४—१८७६) और प्रिंस क्रोपोटकिन (१८४२-१९१९) हुए हैं। उनके मतानुसार क्रान्तिद्वारा पूँजीवादका अन्त होते ही राज्यका भी अन्त हो जाना चाहिये। श्रमिक क्रान्तिके पश्चात् वर्गीय संस्थाका अन्त हो जाना चाहिये। न मर्ज (वर्ग) रहे, न मरीज (राज्य) रहना चाहिये। मार्क्सवादी भी राज्यको वर्ग-विशेषकी ही संस्था… Continue reading 3.25 अराजकतावाद ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज