2.5 आल्थूसियस ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

2.5 आल्थूसियस अपने पूर्वविचारकोंसे भी अधिक सेक्युलर (लोकायत) था। वह जनताकी प्रभुताका दार्शनिक था। वह राज्यको एक क्रममें मानता था—अर्थात् कुटुम्ब, कारपोरेशन, कम्यून, प्रान्त और उसके बाद राज्य; यह क्रम था। राज्यके बाद कुटुम्ब अधिक महत्त्व रखता था। पूर्ण ढाँचा लौकिक तथा स्पष्ट था। प्रत्येक क्रमके विकासका मूल (समझौता) था। उसने राज्यको जनताका सेवक माना।… Continue reading 2.5 आल्थूसियस ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

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