9.3 प्रतिषेधका प्रतिषेध इसी तरह प्रतिषेधके प्रतिषेधका उदाहरण मार्क्सवादी उपस्थित करते हैं कि ‘यदि यवका एक दाना जमीनमें डाला जाय तो गर्मी और नमीके प्रभावसे इसमें एक विशेष परिवर्तन होता है। इसमेंसे पौधा उगने लगता है। उस दानेके अस्तित्वका अन्त हो जाता है। उसका प्रतिषेध हो जाता है। उसके स्थानपर जो पौधा उगता है, वह… Continue reading 9.3 प्रतिषेधका प्रतिषेध ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज