सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १२

प्रवर प्रत्येक ब्राह्मण का एक गोत्र होता है। वह वंश सूचक होता है कि ब्राह्मण किस ऋषि का वंशज है। उसके बाद उस ऋषि की परम्परा को सूचित करने वाला ‘कुल गोत्र’ होता है। उसके ‘प्रवर’ कहते हैं। प्रवर तीन या पाँच होते हैं। ये आदि ऋषि के नाम से, आदि ऋषि की तीसरी पीढ़ी… Continue reading सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – १२

सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ११

गोत्रों में प्रमुख ब्राह्मण वंश अगस्त्य – पाण्डेय, त्रिपाठी उपमन्यु – ओझा, पाठक कण्व – द्विवेदी कश्यप – शुक्ल, मिश्र, पाण्डेय, ओझा, पाठक, द्विवेदी, चतुर्वेदी, उपाध्याय, त्रिपाठी कात्यायन – चतुर्वेदी कुण्डिन – शुक्ल, मिश्र, पाण्डेय कुशिक – चतुर्वेदी कृष्णात्रेय – शुक्ल, द्विवेदी कौशिक – त्रिपाठी गर्ग – शुक्ल, त्रिपाठी, पाण्डेय, द्विवेदी, उपाध्याय गौतम – मिश्र,… Continue reading सरयूपारीण ब्राह्मणों’ का इतिहास (वंशावली, गोत्रावली और आस्पद नामावली सहित) – ११

Exit mobile version