2.3 अरस्तू यह यथार्थवादी दार्शनिक था। अपने युगके लगभग १५० संविधानोंका अध्ययन करके इसने ‘पालिटिक्स’ नामक ग्रन्थ लिखा था। इसने प्लेटोकी आगमन-पद्धतिके स्थानपर निगमन-पद्धतिको स्वीकार किया। इसके अनुसार अध्ययनके बाद आदर्शकी स्थापना करनी चाहिये। उसने राजनीतिक तथा आर्थिक—दो पक्षोंसे अध्ययनकर राज्योंको छ: भागोंमें बाँटा। राजतन्त्र, उच्चजनतन्त्र, लोकहिताय जनवादको वह प्राकृतरूपमें मानता था। अत्याचार, सामन्ततन्त्र तथा… Continue reading 2.3 अरस्तू ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज
Day: March 2, 2025
महर्षि अत्रि एवं अनसूया की शिवोपासना
दक्षिण दिशा में चित्रकूट पर्वत के समीप परम पावन कामद नाम का एक वन था। ब्रह्माजी के मानसपुत्र महर्षि अत्रि अपनी परम पतिव्रता पत्नी अनसूया के साथ उसी वन में निवास करते हुए भगवान् महेश्वर की आराधना में अपने समय का सदुपयोग कर रहे थे। एक बार ऐसा हुआ कि सौ वर्षों तक बिलकुल ही… Continue reading महर्षि अत्रि एवं अनसूया की शिवोपासना