6.17 लाभ और श्रमिक मार्क्सके पहले रिकार्डो आदिने भी इसी ढंगका कुछ विरोध प्रकट किया था। उसके अनुसार ‘वस्तुके मूल्यमें दो भाग होते हैं—एक मजदूरी दूसरा नफा। दोनों परस्पर विरुद्ध हैं। मजदूरी बढ़ती है तो नफा घटता है, नफा बढ़ता है तो मजदूरी घटती है। जीवन-निर्वाहार्थ जिससे निश्चित परिमाणमें सामग्री मिले, वही मजदूरी है। जब… Continue reading 6.17 लाभ और श्रमिक ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज