4.5 गर्भ-शास्त्र ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

4.5 गर्भ-शास्त्र कहा जाता है कि ‘गर्भ-शास्त्र’ के आधारपर विकास सिद्ध होता है। पानीमें पड़े हुए पत्तों या लकड़ियोंपर जो लसदार काले चिकने कण दिखायी पड़ते हैं, वे मेढकोंके अण्डे हैं। तीन-चार दिनमें ये कण या पिण्ड पूँछदार और चपटे सिरवाले जन्तुका आकार धारण कर लेते हैं। फिर इनके गलेके पास मछलियोंकी तरह श्वास लेनेके… Continue reading 4.5 गर्भ-शास्त्र ~ मार्क्सवाद और रामराज्य ~ श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज

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